स्पिक मैके ने पद्मश्री डॉ. भारती बंधु द्वारा कबीर गायन की करी मेजबानी

स्पिक मैके ने पद्मश्री डॉ. भारती बंधु द्वारा कबीर गायन की करी मेजबानी

देहरादून: स्पिक मैके के तत्वावधान में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. भारती बंधु द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित की गई। प्रस्तुति के दौरान डॉ. भारती के साथ गायन में इंदु भूषण नायक, भूषण भारती और सीवी वाचस्पति भारती, तबले पर खोमेश्वर साहू, ढोलक पर वी पावस भारती और कीबोर्ड पर धर्मेंद्र चक्रधारी ने संगत की।

एक संवादात्मक और आकर्षक सत्र में डॉ. भारती ने छात्रों को मंच पर अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें पर्यावरण की देखभाल और जीवन में शिक्षकों व गुरुओं के महत्व के बारे में बहुमूल्य संदेश दिए गए। कबीर के गहन दोहों से समृद्ध यह प्रस्तुति दार्शनिक और ज्ञान से भरपूर थी, साथ ही इस प्रस्तुति के ज़रिये छत्तीसगढ़ी लोक संगीत से प्रभावित डॉ. भारती की विशिष्ट शैली को भी प्रदर्शित किया गया।

उन्होंने विद्यार्थियों और स्कूल के संगीत शिक्षकों को प्रदर्शन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के कुछ मुख्य आकर्षणों में “इक डाली दो पंछी रे बैठा कोई गुरु कोई चेला” और प्रसिद्ध “उड़ा हंस अकेला” की भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। सत्यभामा देई भारती और स्वामी विद्याधर गैना भारती के घर जन्मे भारती बंधु को भजन गायन की कला अपने पूर्वजों से विरासत में मिली।

अपनी अनूठी कबीर गायन शैली के लिए प्रसिद्ध, उन्होंने 7,500 से अधिक स्कूलों व कॉलेजों में प्रदर्शन किया है और कई छॉलीवुड फिल्मों में संगीत दिया है, जिनमें पिरित के जंग, छत्तीसगढ़ महतारी, राम बनाही जोड़ी और मुक्तिराम शामिल हैं। डॉ. भारती ने मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका और रूस सहित कई देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है।

उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 1996 में मिले लता मंगेशकर पुरस्कार अलंकरण समिति पुरस्कार और 2013 में मिले पद्मश्री शामिल हैं। देहरादून की अपनी यात्रा के दौरान डॉ. भारती बंधु ने हिमालयन पब्लिक स्कूल और सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय में भी प्रस्तुति दी।

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