देहरादून। प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता को बिजली बिल में रियायत देने की जो घोषणा की हैं वह वास्तव में जनता को दिया जा रहा एक और जुमला नजर आ रहा हैं। पहाड़ के सुदूरवर्ती क्षेत्रो में 200 यूनिट और तराई क्षेत्रो में केवल 100 यूनिट बिजली उपभोग पर रियायत देने की बात प्रदेश सरकार ने कही हैं जबकि प्रति माह फिक्स चार्ज,एल.पी.एफ . अधिभार, हरित ऊर्जा उपकर आदि की दरें उपभोगताओं को देना ही होगा तो फिर ऐसी रियायत का क्या फायदा ??
यदि सरकार को आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार की बिजली मुफ्त देने की योजना की नकल ही करनी हैं तो पूर्णतः बिजली बिल माफ करें इस प्रकार का दिखावा करना जनता के साथ छलावे से अधिक कुछ भी नही हैं। भाजपा अन्य प्रदेशों में भी बिजली बिल माफ करने के वादे अथवा संकल्प पत्र के साथ जनता के बीच गयी थी जिनमे राजस्थान,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित किसी भी राज्य में क्या बिजली मुफ्त हुई हैं ? आज पूरे देश के अन्दर केवल दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकारों में ही वह हिम्मत हैं कि जो वादे जनता से करते हैं उन्हें गारण्टी के साथ पूर्ण करते हैं ।