विधान सभा अध्यक्ष ने टिहरी गढ़वाल पहुंचकर अखिल भारतीय खण्डूड़ी दीवान महासभा में किया प्रतिभाग

टिहरी गढ़वाल: गांधी जयंती के अवसर पर खण्डूड़ी दीवान महासभा समिति द्वारा आयोजित तृतीय आत्मीय महा सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण का दूर दराज से सम्मेलन में पहुंचें सभी खण्डूडी बन्धुओं के द्वारा पारम्परिक वाद्य यंत्रों व फूल मालाओं से स्वागत किया गया। विधान सभा अध्यक्ष श्रीमती भूषण ने नागराजा मन्दिर में पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लिया तथा प्रदेश की सुख, समृद्धि की कामना की।

उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों का अनावरण/माल्यार्पण तथा उत्तराखंड के शहिदों के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज में सभी वर्गो के जरूरतमंदों की मदद ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से की जा सकती है। समिति का मुख्य उद्देश्य समाज में अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार और अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलकर समाज के सभी वर्गो के ज़रूरतमन्द लोगों की मदद करना, पलायन को रोकना है।

उन्होंने कहा कि सरकार पलायन रोकने के लिए कानून बना सकती है किन्तु हमें भी गांव में रहकर अपनी जड़ों को मजबूत बनाए रखना होगा। अपनी भावी पीढ़ी को अपने गांव, समाज का वातावरण, संस्कृति एवं संस्कारों से रुबारू कराएं। बेटियों के साथ ही बेटों को भी संस्कारवान बनाना बहुत जरूरी है, तभी बेटियां सुरक्षित रहेंगी। हमारे गांव तभी बचेंगे जब हम अपने पैतृक गांव के प्रति सजग रहेंगे। उन्होंने निर्वाचनों के दौरान मतदान के प्रति सजग रहने तथा अपने मत का प्रयोग जरूर करने को कहा।

उन्होंने कहा कि आज महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण बचाने की बात होती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि पहाड़ की महिलाएं पहले से ही सशक्त है। 1972 में गौरा देवी जैसी महिला के नेतृत्व में हमारी महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों से चिपक गई थी उन्हें पता था कि मानव जीवन के लिए पर्यावरण का क्या महत्व है। पलायन के मुद्दे पर उन्होंने कहा हमें अनमोल शुद्ध हवा छोड़कर शहर के जहरीले धुंए से बचना चाहिए। छोटी मोटी नौकरी का मोह त्याग कर समूह के माध्यम से होमस्टे, जैविक खेती, बागवानी आदि स्वरोजगार के कार्यों को अपनाना होगा।

आज अपने पुराने व्यवहार की तरफ लौटना होगा और समाज के योग्य लोगों को जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना होगा ताकि अच्छी शिक्षा ग्रहण कर वह आगे उन्नति कर सके। जंगली जानवरों द्वारा किए जा रहे नुकसान को लेकर उन्होंने कहा कि पहले गांव की महिलाएं जिन फल, सब्जी का सेवन घरों में करती थी उनके बीज जेब में रखकर जब जंगलों में घास के लिए जाती थी तो जंगल में बिखेर देती थी, ताकि फलदार पौधे बन सके और जंगली जानवर जंगलों के पेड़ों पर ही निर्भर रहे।

सम्मेलन में कैलाश हॉस्पिटल देहरादून एवं सीएचसी छाम के द्वारा स्वास्थ्य कैम्प तथा एनआरएलएम के वेदावी हर्बल टी की प्रदर्शनी लगाई गई थी।इस मौके पर अखिल भारतीय दीवान महासभा के अध्यक्ष नरेश खण्डूड़ी, सचिव गौरव खण्डूड़ी, कोषाध्यक्ष बीरेंद्र दत्त खण्डूड़ी, उपाध्यक्ष विपिन खण्डूड़ी, ग्राम प्रधान जसपुर विजय लक्ष्मी खण्डूड़ी, प्रधान ठरोगी, साणो मुकेश रतूड़ी क्षेत्र पंचायत सदस्य आरती सहित सुरेश खण्डूड़ी,राम नारायण खण्डूड़ी,राम लाल खण्डूड़ी, रामचंद्र खण्डूड़ी, ललित खण्डूड़ी, सोहन लाल, दीपक खण्डूड़ी, मनोज , मुरारी लाल खण्डूड़ी, राधेश्याम खण्डूड़ी आदि मौजूद रहे।

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