नई दिल्ली। रूस की सेना में धोखे (russia ukraine war) से भर्ती किए गए भारतीयों को मुक्त कराने की मोदी सरकार की कोशिश को बड़ी सफलता मिली है। सरकार की इन कोशिशों का ही नतीजा है कि रूस ने अपनी सेना से 45 भारतीय नागरिकों को मुक्त कर दिया है। 50 और भारतीयों को मुक्त कराने की प्रक्रिया चल रही है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत जुलाई में रूस यात्रा के दौरान रूसी सेना में शामिल भारतीयों की रिहाई का मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूसी सेना ने 45 भारतीयों को मुक्त कर दिया गया है, जबकि रूसी सेना में अभी भी करीब 50 भारतीय हैं। इनको मुक्त कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इस बारे में रूसी सरकार के साथ वार्ता चल रही है।
पीएम मोदी ने रूस यात्रा में उठाया था मुद्दा
बता दें कि गत जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से कहा था कि उनकी सेना में जिन भारतीयों को रखा गया है, उनकी जल्द से जल्द रिहाई होनी चाहिए। पुतिन ने भरोसा भी दिलाया था।
गलत सूचना के आधार पर किया गया था भर्ती
यूक्रेन के साथ युद्ध की शुरुआत के बाद रूसी सेना में भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका व दूसरे अन्य देशों के लोगों को शामिल किया गया है। रूसी सेना में भर्ती भारतीयों ने गलत सूचना के आधार पर वहां भर्ती होने की बात कही थी। इसी तरह के आरोप नेपाली नागरिकों ने भी लगाए थे। यूक्रेन के साथ संघर्ष में रूस की ओर से लड़ने में कई भारतीयों की मौत की खबर भी आई थी।