मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने आज सचिवालय में प्रदेश में लैंड बैंक के सम्बन्ध में शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि लैंड बैंक बन जाने से प्रदेश का बेहतर तरीके से विकास किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सुनियोजित विकास के लिए प्रदेश में उपलब्ध सभी सरकारी भूमि और भवनों की जानकारी इसके लिए बनाए गए पोर्टल में अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभागों की समीक्षाओं के दौरान यह प्रकाश में आया है कि विभिन्न विभाग अच्छे प्रस्ताव भी ला रहे हैं परन्तु विभाग सिर्फ अपने कब्जे की भूमि से बाहर अपनी योजनाओं को शुरू करने पर विचार नहीं करता। जबकि उसकी योजना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान किसी अन्य विभाग के कब्जे में है।
उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता उसकी लोकेशन, कनेक्टिविटी और अवसंरचनात्मक सुविधाओं पर निर्भर करती है। विभिन्न विभागों के अंतर्गत भवन भी खाली पड़े हैं, जो जानकारी के अभाव में अन्य विभागों द्वारा भी प्रयोग नहीं किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि एक पोर्टल में सभी भूमियों की जानकारी उपलब्ध रहने से किसी भी योजना को सफलतम तरीके से शुरू किया जा सकेगा। इसके लिए सभी विभाग अपने कब्जे के भूमि अथवा भवनों की जानकारी गूगल मैप नक्शे और लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड के साथ इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करें।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तर पर सेंट्रलाइज्ड ग्रीन बिल्डिंग बनाए जाने की दिशा में भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के एक जगह उपलब्ध होने से कार्य क्षमता बढ़ेगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरुषोत्तम, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुक्त गढ़वाल एवं कुमायूं सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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