उत्तराखंड को वीर भूमि बताया और कहा कि इस राज्य का हर व्यक्ति देश सेवा के लिए तत्पर रहता है। प्रदेश के हजारों जवान देशरक्षा के लिए सरहद पर तैनात है। देश रक्षा के साथ ही जवान प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। इसी कड़ी में बागेश्वर के जवान ने भी प्रदेश को गौरावांवित किया है। बागेश्वर जिले के कौसानी निवासी युवा सैन्य अधिकारी मेजर प्रशांत को सेना मेडल से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। जिससे प्रदेश में खुशी की लहर है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा कौसानी के शिशु मंदिर में हुई। वह बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे। आर्थिक तंगी से जुझने के बाद भी उन्होंने नौवीं कक्षा से उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से शिक्षा ग्रहण की। सैनिक स्कूल से 12वीं पास करने के बाद प्रथम प्रयास में प्रशांत का चयन 2014 में भारतीय सेना स्पेशल फोर्स में हो गया। जिसके बाद से वह लगातार सेना में कार्य कर रहे है। उनके कुशल नेतृत्व, कर्तव्य परायण, साहस और संवेदनशील मुद्दों को सरलता से हल करने पर भारत सरकार ने उन्हें सेना मेडल से सम्मानित करने की घोषणा की है।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इसकी घोषणा की है। उत्तराखंड सरकार द्वारा सेना मेडल प्राप्त वीर जांबाज सैनिकों को पुरस्कार के तौर पर एकमुश्त 15 लाख और हर वर्ष 50,000 और भारत सरकार से भी लगभग इतनी ही धनराशि वीर जवानों को दी जाती है। वहीं बताया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा सशस्त्र बलों के कर्मियों और अन्य को 412 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा अलंकरणों को मंजूरी दी है। इनमें चार मरणोपरांत सहित छह कीर्ति चक्र हैं, दो मरणोपरांत सहित 15 शौर्य चक्र शामिल हैं।
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