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आपदा हेतु जारी धनराशि 9 करोड़ की धनराशी उंट के मुंह में जीरे के समान-बिष्ट – Scroll DevBhumi News

आपदा हेतु जारी धनराशि 9 करोड़ की धनराशी उंट के मुंह में जीरे के समान-बिष्ट

देहरादून: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट (Shishpal Singh Bisht) ने एक बयान जारी कर केदारनाथ आपदा के लिए सरकार द्वारा जारी की गई धनराशि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि केदार घाटी में 31 जुलाई को आई देवीय आपदा में सरकार ने बहुत विलंब से मुआवजा राशि जारी की है। कांग्रेस पार्टी लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही थी

इतने विलंब से मुआवजे की घोषणा करने के बाद भी आपदा से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए उंट के मुंह में जीरे के समान 9 करोड़ की धनराशी मंजूर की गई है। यह धनराशि भी केदारनाथ विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जारी की गई है, जो की अपर्याप्त है। आपदा में बड़े पैमाने पर लोगों को कारोबार का नुकसान हुआ है।

आपदा में हुई छती का सही तरीके से प्रशासन ने आकलन नहीं किया है। जिस घटना में लगभाग 8500 घोड़े खच्चरों का व्यवसाय अवरुद्ध हुआ हो, वहां सैकडो टेंट व्यवसाई ,चाय पानी और अन्य होटल व्यवसाय ,नींबू शिकंजी ,लाठी ,बरसाती, झोले, जैकेट, जूते ,मोजे दस्ताने ,गरम कपडे व छाते ,फल सब्जी एव खादी सामग्री की दुकान से व्यवसाय करने वाले हजारों लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।

शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि वास्तविक स्थिति तो यह है कि होटल लॉज, रेस्तरां हॉट, कॉटेज इत्यादि सभी को नुक्सान हुआ है और कई लोग लापता एव मृत भी हुए हैं जिनकी वास्तविक संख्या के बारे में अभी भी प्रशासन के पास सही आंकड़े नहीं है , आपदा से कितनी बड़ी मात्रा में जनधन की हानि होने के बाद भी सरकार ने बहुत ही छोटी धनराशी इतने बड़े नुक्सान की क्षतिपूर्ति के लिए स्वीकृत की है

जो निश्चित तौर पर आपदा पर प्रभावितों के साथ सीधा-सीधा अन्याय है।शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र की व्यवसाय और प्रभावितों की मांग के अनुसlर प्रति मृतक एव लापता व्यक्ति को 25 लाख रुपये और मृत व लापता घोड़ो के लिए कम 2 लाख और अन्य प्रभावितों को भी सही-सही मुआवजा दिया जाना चाहिए, इसके अलावा दांडी ,कंडी एव उनसे जुड़े हुए मजदूरों को भी मुआवजा दिए जाने की अवश्यक्ता है।

जिसके लिए सरकार को कम से कम 100 करोड रुपए मुआवजा राशि स्वीकृत करनी चाहिए थी आपदा प्रभावितों के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत 9 करोड़ की धनराशी ना काफी है। डबल इंजन की भाजपा सरकार केदार घाटी के साथ एक बार और बड़ी ना इंसाफी कर रही है एक तरफ मई जून की यात्रा को पंजीकृत यात्रा के नाम पर यात्रा को प्रभावित किया और अब उचित मुआवजा न देकर क्षेत्र के युवाओं और व्यवसाययों और प्रभावितों के साथ सरासर अन्याय कर रही है इसके लिए क्षेत्र की जनता भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।

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